भारतीयों पशु पालन योजना जो गरीबों के कल्याण हेतु है। जो व्यक्ति इस कार्य से जुड़ेगें उनका अनेक प्रकार से लाभ दिया जायेगा। आज के दौड़ में सही दूध का उत्पादक नही हो पा रही है गरीब एवं मध्यम वर्ग किसान का लड़का, लड़की को सही सलामत दूध भी नही मिल पा रही है। इस लिए ये कार्यक्रम चलाई जा रही है इसके अलावा गाँव या पंचायत स्तर पर पशु पालक किसान को प्रगतिशील बनाना और ग्रामीण बेरोजगार को रोजगार प्रदान करना है। इसका उद्देश्य भारत में भारतीयें पशुपालन और कृषि कि बढ़ावा देकर भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास करना है। इस से ग्रामीणों के लिए रोजगार भी उपलब्ध होगा । बेरोजगार युवाओं को भी रोजगार मिलेगी और वो लोग बिना अपना गाँव छोड़े भी शहरो से ज्यादा पैसा कमा पाएँगे। संस्था द्वारा हर पंचायत मे रोजगारोनुमुख प्रशिक्षण का व्यवस्था किया जाएगा। गाय पालक कृषक बन्धुओं को गाय के दूध के अलावे गाय के गोबर और मूत्र से इनकम प्राप्त करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। जो कृषक बन्धु संस्था के निर्देशनुसार प्रशिक्षण प्राप्त कर काम को बढ़ाएँगे, उनसे संस्था उनके यहाँ उत्पादित गोबर का खाद और गौ मूत्र को खरीद कर बाजार उपलब्ध कराएगी ।

 

एक ग्राम पंचायत में जब भी 1000 गौ पालक संस्था से जुड़कर एक जोड़ा गाय प्रति कृषक अगर पालन शुरू करते है तो संस्था उनके द्वार से दूध का क्लेक्शन कर उसी पंचायत में दूध प्रसंस्करण यूनिट लगाएगी जिससे किसानो को उचित मूल्य प्राप्त हो सकेगा। जितने कृषक संस्था के साथ सदस्य बनते है उन सभी किसानो का ब्योरा संस्था भारत सरकार के अंतर्गत पशुपालन मंत्रालय को जमा करेगी और प्रत्येक कृषक को 2 से 10 भारतीय नस्ल की गाय दिलाने का कार्य करेगी ।

 

मुख्य उद्देश्य:-

संस्था का सदस्यता शुल्क 550 /
संस्था की स्थापना राष्ट्रीय पशुपालन उद्यमिता विकास मिशन परियोजना का संचालन कर उसके अंतर्गत परम्परागत पशुपालन को व्यवसायिक रूप प्रदान करना प्रमुख उद्देश्य है साथ ही संस्था की स्वस्थ पशु सुरक्षित पशुपालक योजना का लाभ पशुपालकों तक पहुँचाना है।

 

संस्थ का उद्देश्य पशुपालक / किसान को प्रगतिशील बनाना और ग्रामीण बेरोजगार युवाओं को रोजगार प्रदान करना है संस्था का उद्देश्य भारत में भारतीय पशुपालन और कृषि को बढ़ावा देकर भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास करना है। पशुपालन को बढ़ावा देने और पशु चारा उत्पाद को न्यूनतम मूल्य पर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से संस्था ग्राम पंचायतों में पशु सेवा केंद्र खोल रहा है और इससे ग्रामीण बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने में भी मदद मिल रही है।

 

संस्था एक गांव, एक प्रशिक्षण, एक रोजगार नामक परियोजना पर काम कर रहा है। भविष्य में देश के राज्य के प्रत्येक गाँव में पशु सेवा केन्द्र स्थापित करेगा । इन केन्द्रों की सहायता से पशुपालक सूक्ष्म पशु चिकित्सा सेवाएं, मवेशियों से संबंधित उत्पादों की खरीद, बेहतर बीज, जैविक खाद, बेहतर नस्ल के जानवर आदि सभी लाभ ले सकते हैं। एवं संपन्न किसानो जिनके पास 1 से 2 एकड़ जमीन है उनको मिलेट उत्पादन हेतू खाद बीज निःशुल्क उपलब्ध कराएगी और उत्पादित मिलेट को बाजार के उचित मुल्य पर खरीद लेगी।

 

संस्था के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं :
  1. पशुपालक को आर्थिक और सामाजिक दोनों रूपों में प्रगतिशील बनाना
  2. कृत्रिम गर्भाधान की पूरी सुविधाओं से युक्त पशु सेवा केंद्र की स्थापना
  3. पूरे भारत में राष्ट्रीय पशुपालन उद्यमिता विकास मिशन परियोजना के तहत पशुपालन और पशुपालन प्रबंधन का प्रशिक्षण देते हुए पशुपालक श्रमिकों को तैयार करना ।
  4. नए व्यवासय डेयरी फार्म, भेड़ बकरी फार्म आदि स्थापित करने के लिए उन्हें सलाह और सुविधाएं प्रदान करने के लिए।
  5. सामाजिक जागरूकता और जन चेतना के माध्यम से पशु चिकित्सा आंदोलन को गति प्रदान करना
  6. कृत्रिम गर्भाधान और उन्नत नस्ल कार्यक्रम के लिए उन्नत नस्ल के नर नस्लों का विकास करते हुए वीर्य बैंक की स्थापना ।
  7. राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम में पशु चिकित्सा के माध्यम से सक्रिय योगदान देना
  8. पशुओं में पोषण और स्वास्थ्य देखभाल उत्पादों के माध्यम से उनकी उत्पादकता को बढ़ावा देना
  9. जानवरों के प्रति क्रूरता और अत्याचार के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करना

 

पशु ट्रेनिंग देकर स्वरोजगार प्रदान करना जितने संस्थान में लोग मेंबर बननेगे उनको गौ पालन पर लोन भी का कार्य किया जायेगा गाय पालक एवं भैस पालक को सरकार द्वारा लाभ दिलाने का कार्या करेगी संस्था द्वारा कृतिम गर्भाधान ट्रेनिंग देकर हर 10 किलो मीटर पर पशु चिकित्सा केंद्र खोली जाएगी जो की भारत सरकार के नियम अनुसार होगा ।

 

नोट :- जो लोग मेंबर बनेगे वा हमारे संस्था के सदस्य बनेगे उन्हें कृषि पशु पालन कार्ड उपलब्ध कराया जायेगा इस योजना का लाभ उनको ही मिलेगा जिनके पास कृषि पशु पालन कार्ड उपलब्ध होगा |

 

मतस्या पालन, बकरी पालन, गौ पालन इत्यादि ग्रामीण समाज वा श्रमिक वर्ग के कल्याण हेतु हमारी संस्था सरकार के दिशा निर्देश के अंतर्गत कार्य कर रही है एवं निति आयोग भारत सरकार द्वार मान्यता प्राप्त एक संस्था है।

 

हमारे संस्था में सदस्यता प्राप्त करने हेतु कुछ अनिवार्य शर्ते ।

जो भी व्यक्ति बकरी पालन करना चाहते सबसे पहले वो अपना विवरण संस्था को उपलब्ध करना होगा | और इसकी सदसय्ता प्राप्त करेगे तब उनहे संस्था द्वारा बकरी पालन की ट्रेनिंग देना के बाद 5, 10, 12 के रूप में मुहैया कराया जायेगा |

 

जो भी व्यक्ति बकरी पालन पलांट लगाना चाहते है

उनके पास 2000 वर्ग फ़ीट ज़मीन होना अनिवार्य है एवं उन्हें प्रोजेक्ट बना कर हमारी संस्था को देना होगा और यह प्रोजेक्ट राज्य सरकार के पशु पालन विभाग और केंद्र सरकार की कृषि वा पशुपालन विभाग में दिया जाएगी |

 

जो भी व्यक्ति मतस्था पालन करना चाहते है

वे अपनी तालाब, पोखर में कितने एकर में वे मतस्य पालन करना चाहते है उसका विवरण एवं प्रोजेक्ट संस्था को मुहैया करेंगे |

 

जो भी व्यक्ति इस संस्था से जुड़ना चाहते है वा इस संस्था में कार्य करना चाहते है सबसे पहले उन्हें संस्था में सहियोग राशि शुल्क 550रु जमा करनी होगी